Krishna Janmashtmi 2020


इस बार श्री कृष्णा जन्माष्टमी के अवसर पर आइए जानते है श्री कृष्ण जी और उनकी कुछ लीलाओं के बारे में!

इसी के साथ ही हम विश्लेषण करते हैं कि क्या श्री कृष्ण जी पूर्ण परमात्मा है अथवा नहीं? 


भगवान कृष्ण जी तीन लोकों के मालिक होने के कारण 'त्रिलोकी नाथ' कहलाते हैं 

जबकि कबीर साहेब जी पूर्ण कुल मालिक होने के कारण 'वासुदेव' कहलाते हैं!



भगवान कृष्ण जी केवल 16 कलाओं के ही स्वामी है 

जबकि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी असंख्य कलाओं के मालिक हैं!





भगवान कृष्ण जी महाभारत के युद्ध में अपने भाँजे अभिमन्यु को जीवित नहीं कर पाये थे!

लेकिन श्री कृष्ण जी ने मोरध्वज के पुत्र ताम्रध्वज को आरे से चिरवा कर पुनः जीवित कर दिया था क्योंकि वहाँ पर ताम्रध्वज की आयु शेष थी! 

और त्रिलोकी नाथ केवल इतना ही चमत्कार कर सकते हैं!

अगर किसी जीव की आयु पूरी हो चुकी हैं तो ये किसी की आयु नहीं बढा सकते हैं!




आयु तो केवल पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी ही बढा सकते हैं!

जैसे कबीर साहेब जी ने आज से 600 वर्ष पूर्व बिल्कुल मृत हो चुके बालक कमाल को अपने कोटे से आयु प्रदान कर के जीवन दान दिया 

इसी प्रकार मुस्लिम धर्म गुरु शेखतकी की कब्र में दफन मृत लड़की को भी कबीर साहेब जी ने जीवित किया और सत भक्ति मार्ग दिया!



दुर्वासा ॠषि के श्राप के कारण पूरा यादव कुल (56 करोड़ यादव) नाश को प्राप्त हो गया व खुद श्री कृष्ण जी भी !

श्री कृष्ण जी अपने कुल का नाश होने से बचा नहीं पाये!

तो श्री कृष्ण जी को पूर्ण परमात्मा मानने में शंका सी होती है!




गीता ज्ञान दाता भी श्री कृष्ण जी नहीं थे! गीता का ज्ञान तो काल (ज्योति निरंजन) ने श्री कृष्ण जी के शरीर में प्रवेश कर के कहा है!

क्योंकि श्री कृष्ण जी नहीं चाहते थे कि महाभारत का युद्ध हो तभी तो श्री कृष्ण जी 3 बार पांडवों के शांति दूत बनकर कौरवों की सभा में गये थे!

महाभारत का युद्ध करवाने वाला तो काल (ब्रह्म) था!




क्या श्री कृष्ण जी पूर्ण परमात्मा है?

परन्तु श्री कृष्ण जी ने खुद गीता जी के अध्याय 18 श्लोक 62 में अर्जुन को बताया कि मेरे से सर्वश्रेष्ठ शक्तिशाली परमात्मा तो कोई और है!

इसलिए तत्वदर्शी संत के माध्यम से आप उनकी शरण ग्रहण करो!

वह सर्वश्रेष्ठ पूर्ण परमात्मा कबीर जी ही है जिनकी भक्ति करने से पूर्ण मोक्ष की प्राप्ति होगी!




यह अवधारणा की द्रोपदी की साडी़ श्री कृष्ण जी ने बढाई थी यह केवल अर्द्ध सत्य ही है!

सत्य तो यह है कि उस समय कृष्ण जी तो रूकमणी जी के साथ चौसर खेल रहे थे!

ये सारा खेल तो कबीर साहेब जी ने किया, द्रोपदी द्वारा दरिया में डूबते हुए अंधे महात्मा जी को दिये अपनी साड़ी के पल्लू के टुकड़ो के ही फलस्वरूप द्रोपदी जी की साड़ी को अनंत तक बढा दिया !

और भगत तथा भक्ति की लाज रखी !




श्री कृष्ण जी ने माँ के गर्भ से जन्म लिया तथ उनकी परवरिश बचपन में गायों के दूध और मक्खन से हुई थी!

कृष्ण जी की मृत्यु भी एक शिकारी के जहरीले तीर के पैर पर लगने से हुई थी!

जबकि 600 वर्ष पूर्व कबीर परमेश्वर जी सन् 1398 मे काशी नगर के लहरतारा नामक तालाब में कमल के फुल पर सशरीर अवतरित हुए थे!

कमल के फुल से कबीर जी को नीरू व नीमा नामक एक निःसंताध ब्राह्मण दम्पति उठा कर ले गये थे और उनका पालन पोषण कुंवारी गाय के दुध से किया!

कबीर साहेब जी इस पृथ्वी लोक से अपने निज धाम सतलोक भी सशरीर गये थे!

पूर्ण परमात्मा की ऐसी लीला का वर्णन हमें वेदों में भी मिलता हैं!



श्री कृष्ण जी ने भी पाखंड पुजा का विरोध किया था 

जैसे श्री कृष्ण जी गोवर्धन पर्वत उठाया था ताकि हम इंद्र की पूजा न कर के एक पूर्ण परमात्मा की भक्ति करें!

कबीर साहेब जी भी यही संदेश देते थे कि तीनों देवताओं ( ब्रह्मा, विष्णु, महेश ) से ऊपर भी एक पूर्ण परमात्मा हैं जो परमेश्वर कर्विदेव हैं उनकी भक्ति करो! 

" भजन करो उस रब दा , जो दाता है कुल सब दा "

" गोवर्धनगिरी धारयो कृष्ण जी , द्रोणगिरी हनुमंत!
  शेषनाग सब सृष्टि सहारी , इनमें कौन भगवंत!!"



क्या मीरा बाई जी ने आजीवन श्री कृष्ण जी की भक्ति की थी?

यह सिर्फ़ एक अवधारणा है कि मीरा बाई जी ने श्री कृष्ण जी की भक्ति आजीवन की थी !

लेकिन सत्य तो यह है कि मीरा बाई जी ने पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी का सत्संग सुना तो उन से नाम दीक्षा लेकर आजीवन पूर्ण परमात्मा की भक्ति की!



इन सब तथ्यों से हम कह सकते है कि पूर्ण परमात्मा श्री कृष्णा जी नहीं अपितु कबीर साहेब जी ही है!

जिन्होंने सत नाम उपदेश देकर सत भक्ति मार्ग दिखलाया!

और मोक्ष प्राप्ति करवाई!

आज वही सत भक्ति मार्ग जगत गुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी हमें दे रहे है!

संत रामपाल जी महाराज ही विश्व में एकमात्र ऐसे संत है जो शास्त्रों, वेदों, गीता जी, पवित्र कुरान शरीफ, पवित्र बाइबिल, गुरु ग्रंथ साहेब जी में वर्णित साधना को स्वयं भी कर रहे है और अपने अनुयायियों से भी करवा रहे हैं!

अतः आप सभी से करबध निवेदन है कि आप भी एक बार संत रामपाल जी महाराज का सत्संग अवश्य सुने 👏

अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखे 'साधना' चैनल शाम 7:30 से!

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