अच्छे समाज का निर्माण (Samaj Nirmaan)
आईए करें निर्माण : स्वस्थ और अच्छे समाज का
आज हमारे समाज में काफी बुराइयाँ व्याप्त हो चुकी हैं जिन्हें समाज से समाप्त करने में ही समाज और समाज के नैतिक मूल्यों को बचाया जा सकता हैं!
आज हम ऐसी ही समाज में फैली कुरीतियों एवं इन्हें समाप्त करने के बारे में विचार विमर्श करेंगे!
नशा करता है नाश
नशा, वर्तमान समय में एक बहुत बड़ी समस्या है! आज लाखों करोड़ों घर नशे के कारण तबाह हो रहे है!
नशा छोटे छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों तक को अपनी गिरफ्त में ले रहा हैं!
नशे से तन, मन और धन की हानि होती हैं! नशा चाहे जैसा भी हो (शराब, तम्बाकू, अफीम, गांजा, सुल्फा, हुक्का आदि) की लत अगर लग जाये तो इस से बच पाना बहुत मुश्किल है!
दहेज लेना महापाप है!
वर्तमान समय में अगर एक पिता को अपनी बेटी के हाथ पिले कर उसे विदा करना है तो उस पिता को शादी की तैयारी से पहले दहेज का प्रबंध करना पडता है!
क्योंकि आज समाज में दहेज प्रथा का चलन इतना बढ चुका है कि कम दहेज देने पर दुल्हन को मरने तक के लिए मजबूर कर दिया जाता हैं!
अर्थात् दहेज प्रथा भी समाज में एक बुराई है जिसका जहर लड़की और लड़की के परिवार को निगल जाता है!
भ्रष्टाचारी, नरक का भागी है!
आज अगर आप को अपना कोई भी सरकारी या गैर सरकारी काम करवाना हो तो सब से पहले आपको छोटे कर्मचारी से लेकर बड़े बाबु तक सब को रिश्वत देनी ही पडती है!
तब कहीं जाकर वो काम हो पाता है!
परन्तु क्या सतयुग, त्रेतायुग और द्वापर युग में ऐसी व्यवस्था थी? जी नहीं, बिल्कुल भी नहीं!
ये तो कलयुगी मनुष्यों की पैसों की भुख है जो उन्हें जानबूझकर ऐसे बुरे कर्म करवाती हैं!
व्यभिचार बहुत बुरा है!
आज समाज में महिलाओं का जीना मुश्किल हो गया है! क्योंकि कोई ना कोई गंदी नजर हर समय उन्हें घुरती रहती हैं, जिस से बच पाना महिलाओं के लिये आसान नहीं होता!
ये बात हमें समझनी चाहिए जब हम अपने घर में अपनी माता, अपनी बहन का इतना सम्मान करते हैं और दूसरों से भी उसी सम्मान की अपेक्षा करते हैं तो ये बात हम दूसरों की बहन बेटियों पर लागु क्यों नहीं कर पाते?
क्यों हम गलत संगति में रह कर व्यभिचार करने लग जाते हैं!
ये कुछ मुख्य कुरीतियाँ है!
इनके अलावा आज मानव ईश्वर को भी भुल गया है, हद से ज्यादा गलत काम करने लग गये है! सिर्फ पैसा कमाना ही अपना धर्म मान बैठे हैं!
आज समाज में अत्याचार, बलात्कार, चोरी, कतल, राग द्वेष जैसी घटनाओं से अखबारों के पृष्ठ भरे रहते हैं!
कानून व्यवस्था भी है परन्तु इंसाफ की देवी की आँखों पर भी तो पट्टी बंधी हुई है अर्थात् कानून का भय बुराई करने वालों की आँखों में दिखाई नहीं देता हैं!
आज इतनी बुराइयों और कुरीतियों ने मानव समाज के साथ साथ जीव जन्तुओं को भी नरक के दरवाजे पर ला खडा किया है!
जीवों का जीना भी मानव ने आज दुर्लभ कर दिया है! अपने जीभ की स्वाद के लिए जीवों की हत्या करना!
अपने व्यापार के लिए जीवों के अंगों की तस्करी करना! सब मानव की राक्षस प्रवृत्ति को उजागर करता है!
परन्तु क्या वर्तमान समाज को बदला नहीं जा सकता है?
क्या समाज ऐसे ही बुराई के गर्क में जाता जायेगा?
इसका कोई तो इलाज संभव होगा या सरकार द्वारा कोई योजना चलाई जा रही हो जिस से बुराइयों को ख़त्म किया जा सके?
केवल सरकारी प्रयासों से इस बुराई को जड़ से समाप्त कर पाना असंभव है! इस के लिये जनता और समाज का सहयोग भी अत्यंत आवश्यक है!
फिर भी इन बुराइयों का निधान केवल आध्यात्म से ही संभव है और अध्यात्म भी ऐसा जो पवित्र पुस्तकों, शास्त्रों पर आधारित हो!
वर्तमान समय में शास्त्रों से प्रमाणित ज्ञान केवल और केवल जगत गुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ही बता रहे है!
इस ज्ञान से और संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेकर सत भक्ति मर्यादा में रह कर करने से सर्व भक्त समाज आज बुराइयों से कोसो दूर हो गये है और अन्य जीव आत्माओं को भी इन बुराइयों से बचाव के लिए सत ज्ञान समझा रहे हैं!
आज संत जी के शिष्यों को देख कर ये बात दावे के साथ कही जा सकती है कि अच्छे और सच्चे समाज का निर्माण हो रहा है!
इसके अतिरिक्त मोक्ष प्राप्ति का सत ज्ञान हमें केवल संत रामपाल जी महाराज ही बता रहे हैं!
संत रामपाल जी महाराज ही विश्व में एकमात्र ऐसे संत है जो शास्त्रों, वेदों, गीता जी, पवित्र कुरान शरीफ, पवित्र बाइबिल, गुरु ग्रंथ साहेब जी में वर्णित साधना को बता रहे है!
अतः आप सभी से करबध निवेदन है कि आप भी एक बार संत रामपाल जी महाराज का सत्संग अवश्य सुने 👏
Great Post... Some Mistakes in words, please improve it..
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