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Real Human

Who Is Real Human? वास्तव में मनुष्य कौन है?

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वास्तव में मानव कहलाने योग्य कौन है ? आज हम हमारे समाज को देखे तो पायेंगे कि मानव में मानवता का धीरे-धीरे ह्रास होता जा रहा है। मानव की शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, भौतिक, एवं आध्यात्मिक स्थिति दिनों दिन घटती ही जा रही है।  सब सांसारिक मोह-माया और पैसा कमाने के पीछे इतने गिर चुके है कि भ्रष्टाचारी, रिश्वतखोरी, चोरी, डकैती आदि गैर कानूनी अपराध करने से भी नहीं डरते है।  वर्तमान में मनुष्यों में वासना, तृष्णा, लालसा की भुख इतनी बढ गई है कि समाज में हर समय चोरी करना, व्याभिचार, नशे करना, माँस खाना, बलात्कार, हत्या, दहेज हत्या, गाली गलौज, लड़ाई झगड़ो आदि जैसी कोई ना कोई नीच घटना घटित हो ही रही है! ये ऐसे अपराध है जिन्हें सुनने मात्र से एक बार तो अच्छा भला इंसान भी अंदर तक सिहर उठे तो सोचिए ऐसे अपराधों को करने वाले क्या मानव कहलवाने के भी लायक है? उनकी प्रवृत्ति तो अब असुर स्वभाव वाली हो चुकी है! ऐसे मनुष्यों को अगर कलियुगी राक्षस भी कहा जाये तो भी कम ही लगता है! आज के समय में कोई संतुष्ट नहीं हैं। अनादि काल से ही मानव परम शांति, सुख व अमृत्व की खोज में लगा हुआ है। वह अपने सामर्थ्य के ...

नहीं रहे महान तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन जी

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उस्ताद जाकिर हुसैन जी का अमेरिका में सोमवार को सुबह हुआ निधन। जन्म : 09 मार्च, 1951, मुम्बई         निधन : 16 दिसम्बर, 2024, सैन फ्रांसिस्को                             भारतीय शास्त्रीय संगीत को दुनिया भर में पहचान दिलाने वाले महान तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन जी का अमेरिका में सोमवार सुबह 5:30 बजे देहांत हो गया। वे पिछले दो हफ्ते से फेफड़े संबंधी समस्या 'इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस' के कारण अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के अस्पताल में भर्ती थे। आपको बता दे की 'इडियोपेथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस' फेफड़ों की एक दुर्लभ बीमारी है जिसका इलाज फेफड़े का प्रत्यारोपण करके ही संभव हो सकता है।   उस्ताद जाकिर हुसैन की बहन खुर्शीद औलिया ने सोमवार को उनके भाई के देहांत की सूचना दी और कहा कि "वे वेंटिलेटर पर थे और वेंटीलेटर बंद होने के बाद ही उन्होंने अंतिम सांस सुकून की ली।"        उस्ताद जाकिर हुसैन जी का जन्म मुंबई में हुआ था। उनके पिताजी का नाम उस्ताद अल्ला रक्खा है, जो ...

CUET - UG Latest News Update

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                      JOB UPDATE CUET-UG 2025 में बड़े बदलाव का ऐलान नई दिल्ली | विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने CUET-UG 2025 में बड़े बदलावों की घोषणा की है, जिससे छात्रों को उच्च शिक्षा में अधिक विकल्प और आज़ादी मिलेगी। यह परीक्षा केवल कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) मोड में आयोजित होगी। विषयों की संख्या को 63 से घटाकर 37 कर दिया गया है, और हटाए गए विषयों के लिए सामान्य योग्यता परीक्षा (GAT) के अंकों को आधार बनाया जाएगा। एक अहम बदलाव के तहत, छात्र अब 12वीं कक्षा में पढ़े गए विषयों के अलावा अन्य विषयों में भी परीक्षा दे सकेंगे। UGC चेयरमैन प्रो. जगदीश कुमार ने बताया कि यह कदम छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए अधिक विकल्प प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है। परीक्षा समय को मानकीकृत करते हुए इसे 60 मिनट का कर दिया गया है। इसके साथ ही, वैकल्पिक प्रश्नों की अवधारणा को समाप्त कर सभी प्रश्नों को अनिवार्य बना दिया गया है। तकनीकी गड़बड़ियों से बचने और परीक्षा प्रणाली को अधिक सरल बनाने के लिए सुधार किए गए हैं। यह नई प्रणाली छात्रों के लिए अ...

कांवड़ यात्रा

सावन के महीने में की जाने वाली कांवड़ यात्रा के बारे में आध्यात्मिक जानकारी संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा। कबीर परमेश्वर जी की वाणी से प्रमाणित 🤲🏻 कांवड़ यात्रा से पुण्य प्राप्त होते हैं या पाप? कावड़ यात्रा के दौरान कावड़ियों द्वारा किया जाने वाला अनुचित व्यवहार क्या सही है?  उनके द्वारा भगवान शिव जी के नाम पर भांग पीना, चिलम पीना, हुक्का पीना क्या सही है? अधिक जानकारी के लिए देखें साधना टीवी रात्रि 07:30 बजे।

देखो रे लोगो भुल भुलैया का तमाशा शब्द वाणी, संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा

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      देखो   रे   लोगो... देखो रे लोगो भूल भुलैयो का तमाश्श्शा -३ 1. बालापन में ज्ञान नही था, जवानी में ओढ़या खासा -२ काल बलि का लग्या झपेटा, तेरी हुई सांस में सांसा, देखो रे लोगो भूल भुलैयो का तमाश्श्शा... 2. भाई, जीवे जतरे माता रोवे, बहन रोवे दस मासा -२, तेरह दिन तेरी तिरिया रोवे, फेर करे घर वासा, देखो रे लोगो भूल भुलैयो का तमाश्श्शा... 3. भुजा पकड़ तेरा भाई रोवे, शीश पकड़ तेरी माता -२ चरण पकड तेरी तिरिया रोवे, तोड़ चल्या क्यूँ नाता, देखो रे लोगो भूल भुलैयो का तमाश्श्शा... 4. भाई, ड्योढ़ी तक तेरी तिरिया का नाता, फलसे तक तेरी माता -२ मरघट तक ये लोग नगर के, फिर हंस अकेला जाता, देखो रे लोगो भूल भुलैयो का तमाश्श्शा... 5. हाड़ जले ज्यूँ लाकड़ी रे, केश जले ज्यूँ घासा -२ सोने जैसी काया जल गई, कोई ना आया पासा,  देखो रे लोगो भूल भुलैयो का तमाश्श्शा... 6. नो दस मास गरब के अंदर करता नरक निवासा-२ बाहर आकर भूल गया, तुम चाहे भोग विलासा, देखो रे लोगो भूल भुलैया का तमाश्श्शा... 7. खाट्टा रे मीठा भोजन चाहिए, वस्तर चहिए खासा-२ जम के दूत पकड़ ले जावे, डाल गले में फांसा, देखो...

Kabir Sagar Ka Arth कबीर सागर का सरलार्थ

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# कबीरसागर_का_सरलार्थPart284 जीव धर्म बोध पृष्ठ 13 से 16 तक काम (sex) के अवगुण बताए हैं। इनमें कुछ वाणी छोड़ी गई हैं, कुछ जोड़ी गई हैं। यथार्थ ज्ञान संत गरीबदास जी ने बताया है जो संत गरीबदास जी की अमृतवाणी में ‘‘नारी के अंग‘‘ में लिखी हैं। इस जीव धर्म बोध में केवल नारी को दोषी बताया है। यह कबीर पंथियों का गलत नजरिया रहा है जिन्होंने कबीर जी के ग्रन्थ का नाश किया है। जो घर त्यागकर या तो आश्रमों में रहते थे या विचरण करते थे। जिन्होंने विवाह नहीं किया था, उन्होंने अपने आपको उत्तम सिद्ध करने के लिए एकतरफा वाणी लिखी हैं जो नारी पक्ष की वाणी थी, वे काट दी गई हैं। संत गरीबदास जी ने अपनी वाणी में परमेश्वर कबीर जी की विचारधारा लिखी है। संत गरीबदास जी की वाणी - कामी नर के अंग से गरीब, कामी कर्ता ना भजै, हिरदै शूल बंबूल। ज्ञान लहरि फीकी लगै, गये राम गुण भूल।।1 गरीब, कामी कमंद चढै नहीं, हिरदै चंचल चोर। जाका मुख नहीं देखिये, पापी कठिन कठोर।।2 गरीब, कामी तजै न कामना, अंतर बसै कुजान। साधु संगति भावै नहीं, जुगन जुगन का श्वान।।3 गरीब, कामी तजै न कामना, हिरदा जाका बंक। जमपुर निश्चय जायगा, ज्ञानी मिलो असंख...

Kabir Saheb Ji 💞

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Myth and truth about Kabir God Kabir Ji  1398 (Vikrami Samvat 1455) came to Kashi in the Seal Masdi Perfilmasi in Brahma Muhurat (about one and a half ago) from Sunrise. But Kabir Saheb did not take birth from the mother's womb, but he came to the kamal flower in the wetly by making a child and made a child as a child.  Myth, Kabir was born God. Kabir is self-appointed. They do not take birth from a parent. Gareeb Das ji's proof in speech, "गरीब अनंत कोटि ब्रह्मांड में, बंदी छोड़ कहाय। सो तो एक कबीर है जननी जन्या न माय।।" Till today only God Kabir has done such a Leela, who himself incarnates on earth, he does not take birth from any mother. Myth- Kabir Parmeshwar was born to a widowed Brahmin. truth There is evidence in Rigveda Mandal 9 Sukta 93 Mantra 2 that Kabir does not take birth from the Supreme Lord. myth Kabir was the wife of God named 'Loi' truth There is evidence in Rigveda Mandal 9 Sukta 93 Mantra 2 that when God is young while performi...

गोवर्धन पूजा क्यों मनाई जाती है? (गोवर्धन पूजा : फायदा अथवा नुकसान)

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गोवर्धन पूजा हिन्दुओं का एक मुख्य त्यौहार है जो इस वर्ष 15 नवम्बर 2020 (रविवार) को मनायी जायेगी! हिन्दी वर्ष के अनुसार यह त्यौहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। सामान्य जानकारी : गोवर्धन पूजा दिपावली के अगले दिन ही की जाती हैं! इस पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता हैं! भारतीय लोकजीवन और संस्कृति में इस त्यौहार का अत्यधिक महत्व है क्योंकि इस पर्व की अपनी मान्यता और लोककथा है।  मनुष्य का सीधा व आध्यात्मिक सम्बन्ध इस पर्व में प्रकृति के साथ दिखाई देता है। गोवर्धन पूजा में गोधन यानी गायों की तथा गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है।  शास्त्रों में विदित है कि जैसे नदियों में गंगा पवित्र है उसी प्रकार गाय पवित्र होती हैं। जिस प्रकार देवी लक्ष्मी सुख समृद्धि प्रदान करती हैं उसी प्रकार गौ माता भी स्वास्थ्य रूपी धन अपने दूध से प्रदान करती हैं इसी लिए गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है। इनका बछड़ा भी खेतों में अनाज उगाने के काम आता हैं! इस तरह गाय सम्पूर्ण मानव जाति के लिए परम आदरणीय है।  गौ माता के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए ही कार्तिक...