मोक्ष क्या है 'गीता'
मानव जीवन और मोक्ष की प्राप्ति मनुष्य सदियों से ही संसारिक मोह माया से मुक्त होने के लिये यत्न करता आया है , परन्तु वास्तव में कुछ ही जीव आत्मायें हुई है जो इस संसार से मुक्ति प्राप्त कर पायी है! तो क्या मोक्ष प्राप्त करना इतना कठिन कार्य है जो प्रत्येक मानव के बस का नहीं है या फिर वह भक्ति मार्ग ही दूसरा है जिस से मोक्ष की प्राप्ति हो? आईए विचार करते हैं 👇👇 सतयुग से ही साधक जन संसार से मुक्ति पाने के लिये यत्न करते आये है जैसे जप, तप, योग साधना, हठ योग, एक स्थान पर आसन लगा कर भक्ति करना आदि ऐसी अनेकों क्रियाओं द्वारा साधक ने मुक्ति प्राप्त करनी चाही है! परन्तु उनकी साधनाएँ शास्त्र विरूद्ध होने से उन्हें केवल कुछ सिद्धियाँ ही प्राप्त हो पायी है! गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में भी प्रमाण मिलता है कि "जो साधक शास्त्रविधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है वह न सिद्धि को प्राप्त होता है न उसे कोई सुख प्राप्त होता है, न उसकी गति यानि मुक्ति होती है अर्थात् शास्त्र के विपरित भक्ति करना व्यर्थ है।" और सतयुग के किसी भी महापुरुष की जीवनी पढने से भी ऐसा प्रतीत नह...