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Showing posts from June, 2020

मोक्ष क्या है 'गीता'

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मानव जीवन और मोक्ष की प्राप्ति  मनुष्य सदियों से ही संसारिक मोह माया से मुक्त होने के लिये  यत्न करता आया है , परन्तु वास्तव में कुछ ही जीव आत्मायें हुई है जो इस संसार से मुक्ति प्राप्त कर पायी है! तो क्या मोक्ष प्राप्त करना इतना कठिन कार्य है जो प्रत्येक मानव के बस का नहीं है या फिर वह भक्ति मार्ग ही दूसरा है जिस से मोक्ष की प्राप्ति हो? आईए विचार करते हैं 👇👇 सतयुग से ही साधक जन संसार से मुक्ति पाने के लिये यत्न करते आये है जैसे जप, तप, योग साधना, हठ योग, एक स्थान पर आसन लगा कर भक्ति करना आदि ऐसी अनेकों क्रियाओं द्वारा साधक ने मुक्ति प्राप्त करनी चाही है! परन्तु उनकी साधनाएँ शास्त्र विरूद्ध होने से उन्हें केवल कुछ सिद्धियाँ ही प्राप्त हो पायी है! गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में भी प्रमाण मिलता है कि  "जो साधक शास्त्रविधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है वह न सिद्धि को प्राप्त होता है न उसे कोई सुख प्राप्त होता है,  न उसकी गति यानि मुक्ति होती है अर्थात् शास्त्र के विपरित भक्ति करना व्यर्थ है।" और सतयुग के किसी भी महापुरुष की जीवनी पढने से भी ऐसा प्रतीत नह...

Krishna Janmashtmi 2020

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इस बार श्री कृष्णा जन्माष्टमी के अवसर पर आइए जानते है श्री कृष्ण जी और उनकी कुछ लीलाओं के बारे में! इसी के साथ ही हम विश्लेषण करते हैं कि क्या श्री कृष्ण जी पूर्ण परमात्मा है अथवा नहीं?  भगवान कृष्ण जी तीन लोकों के मालिक होने के कारण 'त्रिलोकी नाथ' कहलाते हैं  जबकि कबीर साहेब जी पूर्ण कुल मालिक होने के कारण 'वासुदेव' कहलाते हैं! भगवान कृष्ण जी केवल 16 कलाओं के ही स्वामी है  जबकि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी असंख्य कलाओं के मालिक हैं! भगवान कृष्ण जी महाभारत के युद्ध में अपने भाँजे अभिमन्यु को जीवित नहीं कर पाये थे! लेकिन श्री कृष्ण जी ने मोरध्वज के पुत्र ताम्रध्वज को आरे से चिरवा कर पुनः जीवित कर दिया था क्योंकि वहाँ पर ताम्रध्वज की आयु शेष थी!  और त्रिलोकी नाथ केवल इतना ही चमत्कार कर सकते हैं! अगर किसी जीव की आयु पूरी हो चुकी हैं तो ये किसी की आयु नहीं बढा सकते हैं! आयु तो केवल पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी ही बढा सकते हैं! जैसे कबीर साहेब जी ने आज से 600 वर्ष पूर्व बिल्कुल मृत हो चुके बालक कमाल को अपने कोटे से आयु प्रदान कर के जीवन दान दिया  इसी प्रकार मुस्लिम ध...

BIBLE (बाइबिल : एक रहस्य)

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आज हम जिस विषय पर बात करने वाले है वो बहुत ही संवेदनशील ओर धार्मिक विषय है!  जहाँ धर्म की बात हो तो वहाँ संवेदनाएँ अपने आप जुड़ जाती हैं! आज हम बात करते है ईसाई धर्म के पवित्र ग्रंथ 'पवित्र बाईबिल' के बारे में!  क्योंकि अगर हमें किसी भी धर्म की गहराइयों को जानना है तो सब से अच्छा माध्यम है उस धर्म की पवित्र पुस्तकें! इसी तरह ईसाई धर्म की पवित्र पुस्तक है 'पवित्र बाइबिल' पवित्र बाइबिल को लेकर आज समाज में बहुत सी भ्रांतियाँ व्याप्त है, जिन्हें दूर करना आज समाज के लिये अति आवश्यक हो चुका है! और इन भ्रांतियों को दूर करने का बीडा वर्तमान समय में एक मात्र तत्वदर्शी संत ' जगत गुरू रामपाल जी महाराज ' जी ने ही उठाया है और पवित्र बाइबिल में छुपे गुढ रहस्यों को सर्व भक्त समाज के समक्ष किया है! आइऐ हम भी संत रामपाल जी महाराज के विचारों पर एक नजर डालते हैं 👇👇 " पवित्र ईसाई धर्म का परिचय " देवता से गर्भवती हुई मरियम ने ईसा जी को जन्म दिया। ईसा जी से पवित्र ईसाई धर्म की स्थापना हुई। उनके नियमों पर चलने वाले भक्त आत्मा ईसाई कहलाए, और यही से पवित्र ईसाई धर्म का उत्था...

The identification Of true Saint

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Saint Rampal Ji Maharaj (Avatar on earth)  As the predictions made for the present time of all future speakers, it is automatically clear that it is the great man who has been transmitted to the creature, but there is no other but 'Saint Rampal Ji Maharaj'!  Saint Rampal Ji Maharaj is the only saint in the world which is doing self-described in scriptures, Vedas, Geeta ji, Holy Quran Sharif, Holy Bible, Guru Granth Saheb ji and are also doing their followers! Saintly has also said this very often that if the whole world is also preached by them and stayed in the devotional limit, then the whole world will be welfare and salvation will be received! So let us know today by Saint Rampal Ji Maharaj, special contribution in society reform and sacred work being done by them! Saint ji has to be aware of some special rules to preach! These rules are very essential in the creation of human society and social vision.  The groom is a great man. "These rules show the feeling of resp...

5 June 2020 (Kabir Pargat Diwas)

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Today we talk about Kabir Sahib who came 600 years ago!  Yes, Kabir Sahib, who is a complete God and lightened his splendid body, descended on this earth as a baby on a lotus flower in Lahartara Talab of Kashi city!  And a Brahmin couple named Niru and Nima of Kashi met and this couple nurtured Kabir Ji!  Kabir had cured Delhi Sultan Sikander Lodi of unbearable burns at a young age and had resurrected Ramanand Ji Maharaj's two broken body in front of Sikandar!  Due to which Sikander Lodi also became a disciple of Kabir Saheb!  But for this reason, the Muslim religion of Sikandar started becoming jealous of Guru Shekhtaki Kabir Saheb and took 52 times to kill Kabir Ji to kill Kabir Ji.  Major sufferings given by Shekhtaki to Kabir Saheb  "Putting Kabir Saheb in deep well by Shekhtaki"  Shekhtaki tied Kabir Saheb and put him in a deep well!  He filled the well with mud, brick and stone from above.  Then Shekhtaki went to the Alexander King...

कबीर साहेब की मगहर लीला

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आज से लगभग 600 वर्ष पहले काशी की धरती पर अवतार  हुआ कबीर परमेश्वर का! वही कबीर साहेब जिन्हें आज दुनिया एक साधारण कवि और एक धानक जुलाहे के रुप में जानती है! परन्तु वास्तविकता इस से भिन्न हैं,  कबीर साहेब का अवतार सन् 1398 मे काशी नगर के लहरतारा नामक तालाब में कमल के फुल पर हुआ था! कमल के फुल से कबीर जी को नीरू व नीमा नामक एक निःसंताध ब्राह्मण दम्पति उठा कर ले गये थे और उनका पालन पोषण किया!  कबीर साहेब तो आये ही जिवो का उद्धार करने थे अतः उन्होंने अपने बाल्यावस्था से लेकर मरणोपरांत तक अनेक लिलाएँ की! उन में से एक लीला है 'मगहर में शरीर त्यागने की' जहाँ कबीर साहेब जी अद्भूत लीलाएँ दिखाई ! मगहर में कबीर साहेब ने की अद्भुत लीला! मगहर में कबीर साहेब के सशरीर सतलोक जाने के बाद उनके हिन्दू और मुस्लिम शिष्यों के बीच विवाद हो गया। मगहर के राजा बिजली खाँ पठान और बनारस के राजा बीर सिंह बघेल के बीच कबीर साहेब के अंतिम संस्कार को लेकर बहुत मतभेद हुआ। लेकिन कबीर साहेब के जाने के बाद चादर के नीचे उनके शरीर के बदले केवल फूल मिले। उसके बाद दोनों धर्म के लोगों ने आधे आधे फूल बाँट लिए। मगहर ...

Kabir Pargat Diwas

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About 600 years ago, God Kabir incarnated on Kashi's earth! The same Kabir Saheb whom the world knows today as an ordinary poet and a rice weaver! But the reality is different from this, Kabir Saheb's incarnation took place in 1398 in a pond called Lahartara in Kashi Nagar on a lotus flower! Kabir Ji was taken from Kamal Phul by a disarmed Brahmin couple named Neeru and Neema and nurtured them! Kabir Saheb had to come to save the jivas, so he made many appearances from his childhood to posthumous! Some of them are like this. " To cure incurable disease of Alexander Lodhi emperor " Kabir Parmeshwar Ji cured Delhi's Emperor Alexander Lodhi with the incurable disease of burns. The disease which was not cured even by the mantra of any Kazi, Mulla. " Surviving Swami Ramanand Ji " Swami Ramanand ji's neck was cut by the sword by the emperor of Delhi, Sikandar Lodhi. Kabir Sahib Ji saw that Ramanand Ji's torso was lying somewhere else. Then Kabir Sahib ...

Kabir Is God

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आज से लगभग 600 वर्ष पहले काशी की धरती पर अवतार  हुआ कबीर जी परमेश्वर का! वही कबीर साहेब जिन्हें आज दुनिया एक साधारण कवि और एक धानक जुलाहे के रुप में जानती है! परन्तु वास्तविकता इस से भिन्न हैं,  कबीर साहेब का अवतार सन् 1398 मे काशी नगर के लहरतारा नामक तालाब में कमल के फुल पर हुआ था! कमल के फुल से कबीर जी को नीरू व नीमा नामक एक निःसंताध ब्राह्मण दम्पति उठा कर ले गये थे और उनका पालन पोषण किया!  कबीर साहेब तो आये ही जिवों का उद्धार करने थे अतः उन्होंने अपने बाल्यावस्था से लेकर मरणोपरांत तक अनेक लिलाएँ की! उन में से कुछ लीलाएँ इस प्रकार से है 👇👇 " सिकंदर लोधी बादशाह के जलन का असाध्य रोग ठीक करना " कबीर परमेश्वर जी ने दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोधी के जलन का असाध्य रोग आशीर्वाद मात्र से ठीक कर दिया।  वह रोग जो किसी काजी, मुल्ला के जंत्र-मंत्र से भी ठीक नहीं हुआ था। " स्वामी रामानंद जी को जीवित करना " दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोधी ने स्वामी रामानंद जी की गर्दन तलवार से काट दी थी। कबीर साहेब जी ने देखा कि रामानंद जी का धड़ कहीं और सिर कहीं पर पड़ा था। तब कबीर साहेब ने मृत शरी...